छठ व्रत की कथा:-
एक समय की बात है प्रियव्रत नाम का एक राजा था। उसकी पत्नी जिसका नाम मालिनी था। उस राजा का कोई भी पुत्र नहीं था। इस बात से वह दोनों काफी परेशान रहते थे। एक दिन वह महर्षि कश्यप के पास गए और कहा आप हमारे लिए पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाए। इसके बाद महारानी जी को एक मरा हुआ पुत्र हुआ। इस बात से राजा बहुत ज्यादा परेशान हुआ और आत्महत्या करने जा ही रहा था। तब वहां पर एक दिव्य देवी प्रकट हुई। उसने कहा मैं छठी देवी हूं। मैं लोगों को पुत्र प्राप्ति का वरदान देती हूं। जो भी व्यक्ति मेरी पूजा श्रद्धा और भक्ति से करता है मैं उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हूं। वह दोनो राजा और उनकी पत्नी ने श्रद्धा भाव से छठी मैया का व्रत रखा। इसके कारण छठी मैया उन दोनों से काफी प्रसन्न हुई और पुत्र का वरदान दिया। सूर्य भगवान छठी मैया केे भाई हैं। इसलिए इस पर्व में सूर्य भगवान की पूजा होती है। तभी से छठ व्रत करने की प्रथा आज तक चलती आ रही है।
सीख:-आप सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।