सुख के सब साथी:-
एक बहुत विशाल पेड़ था। वहां पर सभी लोग बैठकर बातें करते थे। वहां पर चिड़िया का घोंसला भी था। एक समय की बात है उस पेड़ में पत्ते झड़ने लगे। इससे वह पेड़ काफी दुखी था क्योंकि अब उसके नीचे कोई नहीं बैठता था और सारे चिड़िया भी उस पेड़ से चले गए थे। धीरे-धीरे उसके सारे पत्ते झड़ जाते हैं। कुछ दिनों बाद नए पत्ते भी आने लगते हैं। उसके बाद लोग वहां पर बैठना शुरू कर देते हैं और चिड़िया घोंसला बनाना भी शुरू कर देती है। जब उस पेड़ ने सारे सिलसिले को सोचा तो उसे पता चल गया कि लोग कितने मतलबी होते हैं। जब मेरा दुख का समय था तो कोई मेरे आस-पास भी नहीं था। धीरे-धीरे वह पेड़ और विशाल होता गया और उस पेड़ में फल भी आने लगे। तब लोग फल को तोड़ने के लिए उसमें पत्थर मारते थे। यह सब देखकर उसे और एक बात समझ में आ गई कि आप कितना भी अच्छा कर ले आपको लोग बुरा ही कहेंगे।
सीख:-जब हमारे अच्छे समय होते हैं तो सभी लोग हमारे साथ होते हैं परंतु जब आपका बुरा समय रहेगा तो आसपास आपका कोई नहीं रहेगा।आपको उस स्थिति से अकेले ही बाहर आना होगा। मेहनत से अपने कार्य सफल करना चाहिए।