आरुणि की गुरु भक्ति:-
एक समय की बात है धौम्या नाम के एक ऋषि रहते थे ।वह बहुत ही कुशल थे और बहुत ही कुशलता से छात्रों को शिक्षा दिया करते थे। उनका प्रिय शिष्य आरुणि था ।वह बहुत ही आज्ञाकारी था। एक समय की बात है बारिश का दिन था। गुरु जी ने कहा कि आरुणि तुम खेत में चले जाओ तेज बारिश के कारण मेड़ टूट गया होगा। मेड़ टूटने के कारण फसल बर्बाद हो सकती है। अरूणि तुरंत वहां चला गया। तेज बारिश के कारण मेड़ टूट गया था। आरुणि ने तुरंत वहां मिट्टी डाली पर वह उस मेड़ को भरने में नाकाम रहा। तब गुरु की आज्ञा का पालन के लिए वह खुद वहां लेट गया। कुछ देर बाद आरुणि आश्रम नहीं लौटा तो गुरु जी को चिंता हो गई इसलिए वह आरुणि को ढूंढने के लिए चले गए ।तब उन्होंने देखा कि आरुणि खेत पर लेटा हुआ है। यह देखकर गुरु बहुत खुश हो गए और आरुणि को गले से लगा लिया
सीख :-हमें हमेशा अपने गुरु का सम्मान करना चाहिए।