एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर रहा करता था। वह काफी अत्याचारी था और सभी जानवरों का शिकार किया करता था। एक दिन शेर ने अपनी सभा बुलाई और कहा तुम सब जानते हो कि तुम सब मुझसे जीत नहीं सकते।इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम रोज एक-एक करके मेरे पास आओ। जिसे मैं खा जाऊंगा और अपना पेट भरूंगा अगर तुम लोग मेरी बात नहीं मानोगे तो मैं तुम सबको एक साथ खा जाऊंगा। कुछ देर बाद सभी जानवर मान जाते हैं। इसी तरह रोज एक जानवर अपने मन से उस शेर की गुफा में जाता। जिसे शेर खाकर अपना पेट भरता। एक दिन एक हिरण बहुत घबराए हुए रास्ते पर चल रहा था।उस समय उसे एक खरगोश ने देखा। खरगोश ने उस हिरण से कहा भाई तुम इतने घबराए हुए क्यों हो। हिरण ने कहा आज शेर के पास जाने की बारी मेरी है। तब खरगोश को याद आया कि शेर के पास जाने की बारी खरगोश की भी आने वाली है।उसने अपनी जान को बचाने के लिए एक उपाय सोचा और शेर के पास जाकर बोला महाराज इस जंगल में एक और शेर आ गया है जो आपसे भी काफी शक्तिशाली है। शेर यह सुनकर अचंभित रह गया और उस स्थान पर ले जाने को कहा जहां वह शेर था। वह खरगोश बड़ी चालाकी से शेर को एक कुएं के पास ले गया। जब शेर ने कुएं में देखा तो अपने प्रतिबिंब को दूसरा शेर समझ कर उस पर हमला कर दिया और डूब के मर गया। इसके बाद सब ने उस खरगोश का शुक्रिया किया।
सीख:-हमें अपनी शक्ति का प्रयोग दूसरों की मदद के लिए करना चाहिए नहीं तो हम अपने शक्ति के अभिमान में खुद काफी कमजोर बन जाएंगे।