एकता की शक्ति:-
एक समय की बात है मोहन और सोहन जिस गांव में रहते थे। वहां पर काफी हरियाली हुआ करती थी परंतु कुछ समय से वहां पर मौसम का हाल बहुत खराब रहने लगा। जिसके कारण वहां की हरियाली भी कम हो रही थी। इसी दौरान वहां पर काफी जोरदार बारिश हुई। जिसके कारण वहां पर काफी तबाही हुई और लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा। वह दोनों दोस्त अपने गांव वालों की मदद करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सबके सहयोग से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू किया। यह सिलसिला कुछ दिन तक चला कुछ दिनों बाद बारिश रुक गई। वह दोनों मित्र सोच रहे थे कि इस परिवर्तन का क्या कारण है। तब उन्होंने इसका मुख्य कारण एक फैक्ट्री को पाया जो हानिकारक गैस को हवा में छोड़ देता था। सारे गांव वाले वहां गए और फैक्ट्री मालिक से बात किया। इसके बाद फैक्ट्री मालिक ने उनकी मांगों को सुनकर उस पर कार्य किया और वह गांव पहले की तरह हरा भरा हो गया।
सीख:-हमें हमेशा एकता के साथ कार्य करना चाहिए क्योंकि एकता से बड़ी से बड़ी मुसीबत भी छोटी बन जाती है।