दुखों की पोटली | हिंदी कहानी | story of sad person

दुखों की पोटली:-
एक समय की बात है रामपुर नाम का एक गांव था। उस गांव में एक छोटा व्यापारी रहा करता था। जिसका नाम सोनू था। वह हमेशा दुखी रहा करता था। वह सोचता था कि उसके जीवन में ही दुख है। जब भी वह अपने आस-पास देखता सबको खुश पाता और सोचता हें भगवान आपने मुझे ही इतना दुख क्यों दिया। एक दिन वह यही सोचते सोचते मंदिर चला गया और भगवान से कहा हे भगवान आपने मुझे इतना दुख क्यों दिया है। उसी दिन रात को भगवान ने उसे और पूरे गांव को एक साथ दर्शन दिया और कहा मैं इस पूरे गांव को दुखों से मुक्त करना चाहता हूं। जिसके जितनी भी दुख हैं। उसे अलग-अलग करके एक कागज में लिखो और एक पोटली बांधकर सुबेरे सुबेरे मंदिर आ जाओ। मैं सभी के दुख को दूर कर दूंगा। इस बात से सोनू काफी खुश हो गया। वह सुबह-सुबह जल्दी उठकर अपने सारे दुख को अलग-अलग करके एक कागज में लिखकर एक पोटली में बांधकर ले गया। जब वह मंदिर की ओर जा रहा था तो उसने देखा कि उसके आसपास के सभी लोग अपने दुखों को मिटाने मंदिर की ओर जा रहे हैं। और उनकी पोटली मेरे से काफी बड़ी है। वह धीरे-धीरे मंदिर की ओर बढ़ने लगा। तब उसने उस राज्य के राजा को दिखा। उसकी पोटली इतनी बड़ी थी कि उसे 10 सैनिक उठा रहे थे। उसके बाद सोनू ने सोचा कि भगवान ने तो मुझे पूरे गांव में सबसे कम दुख दिया है। तब से सोनू अपने जीवन में हमेशा खुश रहने लगा। 

सीख:-हमें अपनी दुखों को भूल कर अपनी छोटी-छोटी खुशियों में खुश रहना सीखना चाहिए
Previous Post Next Post