भगवान के दर्शन:-
एक समय की बात है एक बहुत दयालु और धर्म प्रिय राजा था। जो ईश्वर पर बहुत ही विश्वास रखा करता था। इसी विश्वास का नतीजा था कि एक दिन स्वयं भगवान ने उसे दर्शन दिए और कहा राजन् तुम बहुत ही दयालु और धर्म प्रिय हो। इसलिए मैं तुमसे बहुत ही प्रसन्न हूं। मांगो तुम क्या मांगना चाहते हो। तब राजा ने कहा प्रभु मैं चाहता हूं कि मेरे साथ साथ मेरा पूरा राज्य आपका दर्शन करें और धन्य हो जाए। तब भगवान ने कहा ठीक है तुम सुबह को सभी गांव वालों के साथ मंदिर की तरफ चले आना। राजा ने पूरे राज्य में इस बात को फैला दिया। अगले सुबह ही सभी लोग राजा के पीछे-पीछे मंदिर की ओर चलने लगे। इस समय सभी लोगों ने देखा कि कुछ आगे पैसों का बहुत बड़ा ढेर लगा है। सभी लोग उस पैसे को उठाने के लिए दौड़ पड़े। राजा ने काफी रोकने की कोशिश की पर कोई ना रुका। पैसे को उठाने के बाद लोग फिर से राजा के पीछे चलने लगे। तभी लोगों ने फिर से मोती हीरे सोना चांदी के ढेर को देखा वह लालच में उसे लूटने के लिए चले गए। अब राजा के पीछे सिर्फ एक औरत थी।जो उस राज्य की महारानी थी। वह दोनों मंदिर की ओर गए और भगवान का दर्शन किया। तब भगवान ने कहा जिसके मन में लालच होता है। वह भगवान को कभी प्राप्त नहीं कर सकता। यही कारण है कि पूरे राज्य में सिर्फ दो लोग ही मेरे दर्शन को प्राप्त कर सके।
सीख:-हमें लालच नहीं करना चाहिए और निस्वार्थ भाव से भगवान का ध्यान करना चाहिए।