ईमानदारी का फल:-
एक समय की बात है श्याम नाम का एक किसान रहा करता था। उसके पास एक छोटा सा खेत था। जिससे उसका गुजारा चल जाता था। गांव में सभी उसे पसंद करते थे। एक दिन जब वह खेती कर रहा था तो उसे वहां पर एक सोने की अंगूठी मिलती है। जैसे ही वह उस अंगूठी को देखता है।उसे पता चल जाता है कि यह अंगूठी उसके पड़ोसी रामू की है। रामू एक बहुत बड़ा व्यापारी था। श्याम ने सोचा यह अंगूठी मैं भी रख सकता हूं परंतु श्याम की ईमानदारी ने इसे उसके पास रखने की आज्ञा नहीं दी वह तुरंत गया और यह अंगूठी को रामू को वापस दे दिया। रामू ने श्याम की काफी प्रशंसा की और उसके ईमानदारी के लिए धन्यवाद भी किया। कुछ दिनों तक वह इसी तरह खेती करता रहा।उसके बाद एक दिन उसे रामू ने बुलाया और कहा मैं तुम्हें तुम्हारी ईमानदारी के लिए इनाम देना चाहता हूं। तब रामू ने उसे एक ट्रैक्टर भेंट में दिया। जिससे श्याम को ईमानदारी का फल भी मिल गया और पूरे गांव को यह सबक मिल की ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
सीख:-हमें हमेशा दूसरों के प्रति ईमानदार रहना चाहिए। ईमानदारी का मार्ग अवश्य कठिन है परंतु इससे हमें सम्मान और वैभव दोनों प्राप्त होता है।