कुदरत के दो रास्ते कहानी:-
एक बच्चा नंगे पांव फूल बेच रहा था। लोग उससे मूल भाव कर रहे थे। तभी वहां से एक सज्जन व्यक्ति जा रहा था। उसने जब उस बच्चें को देखा तो उसे काफी दुख हुआ। वह तुरंत एक दुकान में जाकर चप्पल खरीद लेता है और उस बच्चें को दे देता है। बच्चा तुरंत चप्पल को अपने पैर में पहन लेता है और कहता है कि आप तो भगवान हैं। तब वह व्यक्ति कहता है कि मैं भगवान नहीं हूं। उसके बाद वह बच्चा कहता है कि जरूर आप भगवान के दोस्त होंगे क्योंकि कल मैं भगवान से कहा था कि भगवान मेरे पैर धूप में काफी जलते हैं मुझे चप्पल दे दो। तब वह व्यक्ति को पता चलता है कि भगवान का दोस्त बनना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
सीख:-प्रकृति का सिर्फ दो ही विधान हैं एक की आप देकर जा सकते हैं या छोड़कर,लेकर जाने का कोई भी विधान नहीं है। इसलिए हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए।