कार का शौक | नजर हटी दुर्घटना घटी | हिंदी प्रेरक कथा | पंचतंत्र की कहानी | hobby of car riding story

कार का शौक:-
एक समय की बात है एक बहुत बड़ा व्यापारी था। उसके पास बहुत ज्यादा मात्रा में और अलग-अलग कार थी। उसका बेटा जिसे कार चलाने का बहुत ही शौक था। वह रोज एक नई कार को ले जाता और चलाता। यह सब उसके पिता के लिए चिंता का कारण था क्योंकि वह काफी तेज गाड़ी को चलाता था। इसी बात से उसके माता-पिता काफी चिंतित रहा करते थे और अपने बेटे को समझने का प्रयास भी करते थे परंतु वह नहीं मानता। एक दिन माता-पिता आपस में बात कर रहे थे। तब उन्होंने एक उपाय बनाया और जब उसका बेटा तेज गाड़ी चला रहा था तो उस गाड़ी के सामने आ गए। उस गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्हें काफी चोट आई थी परंतु यह सब एक नाटक था। उन्होंने आगे उस गाड़ी को खराब कर दिया था। जिससे कुछ देर बाद आगे जाने पर वह खुद ब खुद रुक जाए। उसका बेटा यह सब देखकर काफी परेशान हो गया। उसने सोचा कि मैं अपने ही माता-पिता को गाड़ी से टक्कर मार दी है। वह तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर गया। तब उसे बड़े व्यापारी ने डॉक्टर से कहने के लिए कहा कि तुम्हारे पिता को काफी चोट लगी है। यह सब तुम्हारी गलत आदतों का नतीजा है। यह सब सुन के वह काफी रोने लगा। उसके बाद उसके माता-पिता तुरंत वहां पर आ गए और कहा यह आवश्यक था कि तुम्हें तुम्हारी गलतियों का एहसास करवाया जाए। इसलिए हमने छोटा सा नाटक किया। तब से उस लड़के ने कभी तेज गाड़ी नहीं चलाई। 

सीख:-हमें गाड़ी चलाते समय काफी सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि यह हमारी और दूसरों की जिंदगी का सवाल है।
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