एक समय की बात है सुरेश एक गरीब परिवार से आता था। उसके पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे परंतु उन्हें अपने पुरखों से काफी जमीन मिली थी पर वह जमीन एक बहुत बड़ा सेठ ने अपने बल से हथिया कर रखी थी। सुरेश के पिता के पास उस बड़े सेठ से लड़ने की ताकत नहीं थी। इसलिए उस जमीन को भूलने के अलावा कोई चारा नहीं था परंतु सुरेश यह चाहता था कि मैं इस जमीन को अपने अधीन करके रहूंगा। उसने काफी मेहनत की और बड़ा होकर एक बहुत बड़ा वकील बन गया। उसने कुछ ही देर में अपनी सारी जमीन को कब्जे से मुक्त कर लिया और उस सेठ से मुआवजा भी लिया।
सीख:-हमें अपने बल का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए करना चाहिए क्योंकि बल समय के साथ घटती जाती है परंतु ज्ञान और कौशल समय के साथ और प्रबल होता है।
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