एक बार की बात है एक बच्चा जो बहुत ही आलसी था। वह कोई भी काम को कल पर डालकर हमेशा आराम करना चाहता था। इस आलस के कारण ही उसे रोज अपने शिक्षकों से डांट खानी पड़ती थी। फिर भी उसका आलस दूर नहीं हो रहा था। यह सब बात उसके शिक्षकों ने उसके माता-पिता को बताई। उसके माता-पिता जानते थे कि मेरा बच्चा काफी आलसी है और उसका आलस उसके लिए कभी मुसीबत बन सकता है। एक दिन उन्होंने उसे सबक सिखाने की ठानी। उसी दिन से उसे बच्चों के पिता ने दफ्तर जाना बंद कर दिया और उसकी माता ने भी घर पर खाना बनाना बंद कर दिया। जब उसे बच्चों को भूख लगी तो उसने कहा मां आज खाना आपने क्यों नहीं बनाया। मां ने कहा आज मुझे बनाने का मन नहीं किया। इसलिए मैंने आज खाना नहीं बनाया। तुम भी तो अपने काम को कल पर टाल देते हो। इस बात से उसे बच्चों को बहुत बुरा लगा और उसने आलस का त्याग किया।
सीख:-आलस से मनुष्य का शत्रु होता है। वह कोई भी कार्य को पूरा होने में रुकावट डालता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम आलस का त्याग करें।
People also see