Skip to main content

कहानी:आलस सबका शत्रु

आलस सबका शत्रु:-
एक बार की बात है एक बच्चा जो बहुत ही आलसी था। वह कोई भी काम को कल पर डालकर हमेशा आराम करना चाहता था। इस आलस के कारण ही उसे रोज अपने शिक्षकों से डांट खानी पड़ती थी। फिर भी उसका आलस दूर नहीं हो रहा था। यह सब बात उसके शिक्षकों ने उसके माता-पिता को बताई। उसके माता-पिता जानते थे कि मेरा बच्चा काफी आलसी है और उसका आलस उसके लिए कभी मुसीबत बन सकता है। एक दिन उन्होंने उसे सबक सिखाने की ठानी। उसी दिन से उसे बच्चों के पिता ने दफ्तर जाना बंद कर दिया और उसकी माता ने भी घर पर खाना बनाना बंद कर दिया। जब उसे बच्चों को भूख लगी तो उसने कहा मां आज खाना आपने क्यों नहीं बनाया। मां ने कहा आज मुझे बनाने का मन नहीं किया। इसलिए मैंने आज खाना नहीं बनाया। तुम भी तो अपने काम को कल पर टाल देते हो। इस बात से उसे बच्चों को बहुत बुरा लगा और उसने आलस का त्याग किया। 

सीख:-आलस से मनुष्य का शत्रु होता है। वह कोई भी कार्य को पूरा होने में रुकावट डालता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम आलस का त्याग करें।

People also see 

Comments

Popular posts from this blog

कैसे हुई दुर्गा माता की उत्पत्ति ( Story of Navratri in hindi ) dharmik Hindi Katha

मोबाइल दुश्मन या दोस्त। हिंदी कहानी। mobile phone। story in hindi। Inspirational story

ईमानदार लकड़हारा और सुनहरे कुल्हाड़ी की कहानी | बच्चों के लिए दिलचस्प कहानी ( Story of honest woodcutter )

गरीब की चप्पल | गरीब की मेहनत की कहानी ( Story of hardwork of poor )

पंचतंत्र की कहानी: रात के बाद दिन भी आता है ( story in Hindi of bright future )

Jivitputrika vrat katha : जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों की जाती है

गरीब भक्त की भक्ति हिंदी कहानी ( Garib bhakt ki bhakti Hindi kahani )

चींटी और टिड्डे की कहानी | मेहनत का फल | हिंदी प्रेरक प्रसंग कहानी ( Story of Ant and Grasshopper )

Dream story: घर का सपना

God Ganesh: भगवान गणेश जन्म कथा