एक समय की बात है भगवान और उनके गण पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे थे। पृथ्वी भ्रमण करते-करते वह एक ऐसी जगह पर पहुंचे जहां एक बहुत ही निर्धन व्यक्ति विचरण कर रहा था। उसे देखकर भगवान के गण को काफी दया आ गई। उन्होंने भगवान से विनती की हे भगवान आप तो बहुत दयालु हैं।आप इसे कुछ धन दे दीजिए ताकि यह व्यक्ति की स्थिति कुछ सुधार सके। भगवान ने कहा यह व्यक्ति अभी इसके योग्य नहीं है। बिना योग्यता के किसी व्यक्ति को कुछ नहीं मिलता पर गण नहीं माने। तो भगवान ने सोने के सिक्के से भरी एक थैली उसके कुछ आगे रख दी। यह सब भगवान के गण देख रहे थे। तभी वह गरीब व्यक्ति के मन में एक ख्याल आया। चलो देखते हैं कि जिसे दिखाई नहीं देता। वह कैसा महसूस करते होंगे। इसके बाद वह गरीब आदमी ने अपने आंख बंद कर लिए और उसे थैली को देखना पाया और काफी आगे निकल गया। तब भगवान ने गण से कहा बिना योग्यता और समय के कोई चीज प्राप्त नहीं होता।
सीख:-हमें सिर्फ परिश्रम पर ध्यान देना चाहिए। जब भगवान को लगेगा आप इसके योग्य हो गए हैं। वह चीज आपको अवश्य मिल जाएगी।