God story: नरसिंह अवतार ने कि भक्त प्रहलाद की रक्षा

नरसिंह अवतार की कहानी:-
एक समय की बात है हिरण्यकश्पयू नाम का एक राक्षस हुआ करता था। वह बहुत ही अत्याचारी और धर्म का विनाश करना चाहता था। उसे भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त था कि तुम्हें कोई भी मनुष्य, दैत्य, देवता तथा ना ही दिन में, रात में, ना ही घर के अंदर,ना ही घर के बाहर, ना ही कोई अस्त्र-शास्त्र उसे मार सकता है। इस दैत्य का पुत्र प्रहलाद था। प्रहलाद भगवान विष्णु में अटूट भक्ति रखता था। इसी कारण हिरणकश्यपपु ने अपने पुत्र का वध करने का निर्णय किया परंतु उसके सारे प्रयास असफल हो गए।अंत में हिरण्यकश्पयू ने प्रहलाद से कहा कि इस खंबे में भी तुम्हारे भगवान हैं। तब प्रह्लाद ने कहा हां पिता श्री। उसके बाद हिरण्यकश्यप प्रहलाद को मारने जा रहा था। तभी जोर से गर्जना होते हुए। नरसिंह भगवान सामने आते हैं। उनका आधा शरीर पशु और आधा मनुष्य का था। उनमें और हिरण्यकश्यप में युद्ध होता है। अंत में भगवान नरसिंह उसे उठाकर चौखट के पास ले जाते हैं और ब्रह्मा के वरदान का सम्मान करते हुए। अपने नाखूनों से उसका वध करते हैं। इस प्रकार वह भक्त प्रहलाद की रक्षा करते हैं।
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