गरीब की चप्पल:-
एक समय की बात है एक व्यापारी जिसकी संपत्ति बहुत सारी थी। उसने काफी मेहनत करके यह सब अर्जित किया था। उस बड़े व्यापारी का एक ही बेटा था। वह काफी आलसी और पैसे को बर्बाद करने वाला था। वह पैसे की मोल को नहीं समझता था और धन को पानी की तरह बहाता था। वह व्यापारी चाहता था कि उसका बेटा भी मेहनत करें। इसलिए उसने उसे एक दिन अपने पास बुलाया और कहा तुम मेहनत नहीं करते और पैसे को बर्बाद करते रहते हो। इसलिए अब से तुम्हें एक गरीब के पास भेजा जाएगा जब वह उस गरीब के पास गया तो उसे पहनने के लिए चप्पल तक नहीं मिलती थी। ना खाने के लिए खाना मिलता था। उसे रोज मेहनत कर रोजी-रोटी कमानी पड़ती थी। एक दिन वह रास्ते पर चल रहा था तो उसके पांव में एक कांटा गड़ जाता है और वह बहुत क्रोधित हो जाता है और उस गरीब व्यक्ति से कहता है कि आप मुझे एक चप्पल दिला क्यों नहीं देते। तभी वह गरीब व्यक्ति कहता है। तुम मेरी चप्पल को देखो इस चप्पल में तुम्हें क्या दिखता है। तब व्यापारी के बेटे ने बोला क्या दिखता है मुझे तो कुछ नहीं दिख रहा है। तब गरीब ने कहा इस चप्पल में मेरी मेहनत है देखो मैं रोज काम करके आता हूं यह चप्पल मुझे उसे हर मुसीबत से बचाता है और मुझे आगे और मेहनत करने की सीख भी देता है। यह सब सुनकर उस व्यापारी के बेटे की आंख खुल गई। इसके बाद उसने कभी भी पैसे की बर्बादी नहीं की।
सीख:-हमें कभी भी पैसे को बर्बाद नहीं करना चाहिए। उसकी महत्व को समझ कर और मेहनत करनी चाहिए।