चींटी और टिड्डे:-
एक समय की बात है गर्मी का मौसम था। चीटियां अपने लिए भोजन को एकत्रित कर रही थी। वह रोज खेतों में जाती और वहां से दान चुनकर अपने बिल में रखती। चींटी के बिल के सामने एक टिड्डा भी रहता था। वह रोज गाना गाता और नाचते रहता था। वह चीटियों से कहता था कि प्यारी चीटियां तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो आओ हम मजे करें। चीटियां उस टिड्डे को नजर अंदाज करके अपना कार्य करती रहती हैं। वह टिड्डा उन चीटियों का मजाक उड़ाता था। इस कारण से वह चीटियां काफी परेशान हो गई थी। कुछ समय बाद सर्दियों का मौसम आया और तेज बर्फबारी होने लगी। बर्फबारी के कारण टिड्डा अपना खाना अच्छे से ढूंढ नहीं पा रहा था। जब वह खाना ढूंढने के लिए बाहर निकला तो उसने देखा कि चीटियां अपना बचाया हुआ खाना खाकर आराम से जिंदगी जी रही हैं। तब उसे अपनी बातों का पछतावा हुआ। इसके बाद चीटियों ने उसे टिड्डे की मदद की और उसे खाने के लिए कुछ अनाज दिया।
सीख:-हमें नियमित रूप से मेहनत करनी चाहिए। दूसरे के बहकावे में आकर कोई भी कम नहीं उठाना चाहिए।जो आपका मजाक उड़ाते हैं। वही आपकी सफलता पर तारीफ भी करते हैं।