रक्षाबंधन-Rakshabandhan

रक्षाबंधन:-
एक समय की बात है भगवान विष्णु ने राजा बलि की परीक्षा लेनी चाहिए और वामन अवतार में राजा बलि के पास चले गए और उनसे तीन पग भूमि मांग लिया। भगवान विष्णु ने दो ही पग में पृथ्वी और स्वर्ग लोक को नाप लिया। यह सब देखकर राजा बलि को लगा कि भगवान मेरी परीक्षा लेना चाहते हैं। इसलिए राजा बलि ने भगवान विष्णु के पग को अपने सर में ले लिया और कहा भगवान मेरा तो सब कुछ चला गया ।मैं आपसे यह विनती करता हूं कि आप मेरे साथ पाताल लोक चले और वहीं पर रहे। इसके बाद भगवान बैकुंठ धाम को छोड़कर पाताल लोक में रहने लगे। दूसरी तरफ मां लक्ष्मी बहुत परेशान थी और एक गरीब के वेश में पाताल लोक चली गई। और राजा बलि को राखी बांधी तब राजा बलि ने कहा मेरे पास तो तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है। तब मां लक्ष्मी अपने असली रूप में आ गईऔर कहा आपके पास तो परमेश्वर स्वयं विष्णु है। आप उन्हें मुझे दे दीजिए। मैं उन्हें ही ले‌ जाने आई हूं। उसके बाद भगवान विष्णु लक्ष्मी माता के साथ बैकुंठ धाम चले गए।
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