एक समय की बात है रोहन नाम का एक व्यक्ति था। रोहन और उसके बेटे में बिल्कुल भी बनती नहीं थी। वह अपने बेटे के विचार से सहमत नहीं था और उसका बेटा अपने पिता के विचार से सहमत नहीं था। यह सब देखकर रोहन की पत्नी काफी परेशान रहा करती थी। एक दिन वह बहुत ही सिद्ध पुरुष के पास गई और कहा महाराज मेरे पति और मेरे बेटे में बिल्कुल भी बनती नहीं है। मैं क्या करूं। महाराज ने कहा उनके रिश्तों में गांठ लग गई है। इसको हटाने का सिर्फ एक ही मार्ग है। उनमें एक दूसरे के लिए विश्वास की भावना जागना होगा। महाराज ने कहा तुम चिंता मत करो समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। कुछ दिनों बाद रोहन की तबीयत खराब हो जाती है और यह सब देखकर उसका बेटा काफी परेशान हो जाता है और उसकी काफी सेवा करता है। यह सब रमेश देख रहा था। जिसके कारण उसके मन में विश्वास जाग उठा। पिता के ठीक हो जाने के बाद रमेश ने एक व्यापार के बारे में सोचा जिसमें उसका साथ कोई नहीं दे रहा था परंतु उसके पिता ने उसका पूरा साथ दिया। जिसके कारण दोनों एक दूसरे पर विश्वास करने लगे और उनके रिश्ते पहले की तरह हो गए और रोहन के बेटे का व्यापार भी बहुत अच्छा से चलने लगता है जिसके कारण वह अमीर हो जाते है।
सीख:-हमें अपने परिवार जनों के साथ विश्वास बनाकर रखना चाहिए।