एक समय की बात है एक जंगल में एक लोमड़ी और एक सारस रहा करता था। वह बहुत ही अच्छे मित्र थे पर लोमड़ी हमेशा सारस के साथ चालाकी करने की कोशिश करता था। एक दिन लोमड़ी सारस के पास जाकर कहा मेरे मित्र तुम मेरे घर खाना-खाने आओ। सारस लोमड़ी के साथ उसके घर चला गया पर लोमड़ी ने एक समतल बर्तन में सरस को खाना परोसा। लोमड़ी जानता था कि सारस इस बर्तन में खाना नहीं खा पाएगा। सारस यह सब देखकर लोमड़ी की चालाकी समझ गया और उसे सबक सीखाना चाहता था। एक दिन सारस ने लोमड़ी को अपने घर खाना खाने बुलाया। लोमड़ी के चालाकी के उत्तर में सारस ने उसे खाना एक छोटे मुंह वाले बर्तन में उसे खाना परोसा। यह देखकर लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ।
सीख:-दोस्ती में हमेशा सहयोग होना चाहिए ना की छल