तेनालीराम की चतुराई :-
एक समय की बात है कृष्ण देव राय के दरबार में एक बहुत बड़ा जादूगर आया। उसने काफी अच्छे और अद्भुत जादू का प्रदर्शन दरबार में किया। उसके जादू को देखकर कृष्णदेव राय काफी प्रभावित हुए थे। इसलिए उन्होंने उसे काफी ज्यादा पुरस्कार दिए। जादूगर को अपने जादू पर काफी घमंड था। इसलिए उसने पूरे दरबार को एक चुनौती दे डाली और कहा पूरे दरबार में कोई ऐसा व्यक्ति है जो मेरे जैसा जादू दिखा सके। इस बात को सुनकर सारे दरबार चुप हो गया परंतु तेनालीराम ने कहा मैं एक ऐसा जादू दिखा सकता हूं जिसे मैं आंख बंद करके भी कर सकता हूं परंतु तुम आंख खोल करके नहीं कर सकते। तेनालीराम को चुनौती देते देखा वह जादूगर ने चुनौती को स्वीकार किया। तब तेनाली राम ने उसे महल के रसोइए से लाल मिर्च पाउडर लाने को कहा। तेनालीराम ने उस मिर्च पाउडर को अपने बंद आंखों में डाल लिया। कुछ देर बाद उसे अपने आंखों में रखने के बाद उन्होंने उसे कपड़े से पहुंचकर और ठंडे पानी से धो लिया। तब तेनालीराम ने कहा जादूगर जी अब आप इसे आंखें खोल कर करके दिखाइए। यह सब देखकर वह जादूगर महाराज से माफी मांगने लगा और वहां से चला गया। कृष्ण देव राय ने तेनालीराम की चतुराई को देखकर उसे काफी शाबाशी दी।
सीख:-हमें कभी भी अपनी काबिलियत पर घमंड नहीं करना चाहिए।