जिसकी जैसी सोच:-
एक समय की बात है एक जंगल में बाढ़ आई थी। उसमें कई जानवर रहा करते थे। उस बाढ़ में एक बिच्छू भी बह रहा था। बिच्छू इधर-उधर देखने लगता है कि कोई उसकी मदद कर दे जिससे उसकी जान बच जाए। कुछ देर बाद उसे मेंढक दिखाई देता है। वह मेंढक से कहता है कि हे मेंढक मुझे बचा लो। तब मेंढक कहता है कि तुम तो बिच्छू हो तुम मुझे भी डंक मार सकते हो तो मैं तुम्हें क्यों बचाऊं। तब बिच्छू ने कहा अगर मैं तुम्हें डंक मारू तो तुम्हारे साथ-साथ मैं भी डूब जाऊंगा। कुछ देर सोचने के बाद मेंढक उसे किनारे तक ले जाने के लिए राजी हो जाता है। नदी के बीचो-बीच पहुंचने पर वह बिच्छू मेंढक को डंक मार देता है। जब मेंढक बिच्छू से पूछता है कि तुमने मुझे डंक क्यों मारा तो बिच्छू कहता है की डंक मारना मेरी आदत है। इसके बाद दोनों बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं।
सीख:-हमारे जीवन में बहुत सारे व्यक्ति ऐसे होते हैं कि जो हमारे सामने कुछ और ,और पीठ पीछे कुछ और होते हैं। इसलिए हमें वैसे लोगों से हमेशा सावधान रहना चाहिए।