प्रेरक प्रसंग: जो जैसा है वैसा ही अच्छा है

जो जैसा है वैसा ही अच्छा है :-


एक समय की बात है एक घने जंगल में एक जानवर रहता था। उसके शरीर का गंद बिल्कुल भी अच्छा नहीं था। यही कारण था कि कोई भी जानवर उस जानवर के साथ खेलना नहीं चाहता था। जिसके कारण वह काफी दुखी रहता था। एक दिन उसने सोचा कि मुझे इस दुर्गंध से छुटकारा पाना है इसलिए वह वृद्ध उल्लू के पास गया। जब वह उल्लू के पास गया तब उल्लू ने कहा तुम यहां से सीधे चले जाओ वहां तुम्हें एक जादूगर मिलेगा वह तुम्हें इस दुर्गंध से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा। वह छोटा जानवर सीधा चलते गया कुछ देर बाद उसे एक छोटी सी कुटिया मिली जिसमें एक लंबी दाढ़ी वाला व्यक्ति निकला वहीं जादूगर था उसने कहा यह दुर्गंध कहां से आ रही है। उस छोटे जानवर ने कहा मुझे यह दुर्गंध से छुटकारा पाना है आप मेरी मदद कीजिए मुझे बूढ़े उल्लू ने भेजा है जादूगर ने कहा ठीक है तुम्हें किस प्रकार का सुगंध चाहिए उस छोटे जानवर ने कहा गुलाब का ।जादूगर ने जादूई मंत्र पढ़ा और तुरंत वहां गुलाब की खुशबू चारों तरफ फैल गई छोटा जानवर बहुत खुश हो गया और दिन भर अपने दोस्तों के साथ खेला उसके दोस्त भी बहुत खुश थे कुछ देर बाद रात हो गई और वह घर चला गया उसकी मां ने जब यह देखा कि छोटे जानवर से उसकी जैसी सुगंध नहीं आ रही है तो वह भड़क गई और कहा यह कैसी दुर्गंध है तुम्हारे शरीर से यह दुर्गंध कैसी आ रही है ?छोटा जानवर ने कहा यह तो बहुत अच्छा सुगंध है मां अब मेरे साथ सारे दोस्त खेलने लगे हैं अब मुझे किसी बात का दुख नहीं उसकी मां ने गुस्सा से कहा यह दुर्गंध तुम्हें किसने दी छोटे जानवर ने कहा जादूगर ने तभी उसकी मां जादूगर पास गई और उसे बहुत सुनाया और कहा मुझे मेरा वैसा ही बेटा चाहिए जैसे वह पहले था। तब वह जादूगर ने और एक बार जादू मंत्र पढ़ा तब छोटा जानवर वैसा ही हो गया जैसा वह था।


सीख:-जो जैसा है वैसा ही अच्छा है सब में कुछ ना कुछ काबिलियत होती है।
Previous Post Next Post